गेहूं के बाजार से आ रही है बड़ी अपडेट | जाने और कितना तेज होगा गेहूं
किसान साथियों इस वक्त गेहू का बाजार लगातार सुर्खिया मे बना हुआ है गेहूं की कीमतों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है। बीते कुछ महीनों में मंडियों में गेहूं के दाम सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से काफी ऊपर पहुंच गए हैं। विदेशी बाजारों में गेहूं की कीमतें कमजोर रहने के बावजूद भी घरेलू बाजार में कोई राहत नहीं मिल रही है। इस बढ़ोतरी के पीछे कई वजहें हैं, जैसे खराब मौसम, निर्यात की बढ़ती मांग, स्टॉक की कमी और ट्रांसपोर्ट लागत का बढ़ना। पिछले दो सालों में खराब मौसम ने उत्पादन पर बुरा प्रभाव डाला है, जबकि रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय गेहूं की मांग बढ़ने से घरेलू बाजार में आपूर्ति कम हो गई है।
घरेलू बाजार की बात करें तो बीते कुछ हफ्तों में गेहूं का रेट 8% से ज्यादा बढ़कर ₹3200 से ₹3300 प्रति क्विंटल हो गया है। यह कीमतें पिछले 2 साल के रिकॉर्ड स्तर के करीब पहुंच गई हैं। हम पहले भी अपनी रिपोर्ट मे बता चुके है कि गेहूं की आपूर्ति में कमी और प्रोसेसर्स की बढ़ती मांग ने कीमतों को तेजी से ऊपर धकेला है। खुले बाजार बिक्री योजना (OMSS) के तहत सरकार द्वारा गेहूं की बिक्री को लेकर अनिश्चितता का माहौल है। मिलर्स और प्रोसेसर गेहूं की मांग लगातार बढ़ा रहे हैं, जिसके कारण थोक मंडियों में गेहूं के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। यह वृद्धि तब हुई है जब गेहूं का दाम पहले से ही न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊपर चल रहा था। भारतीय खाद्य निगम के पास गेहूं का सीमित स्टॉक बचा हुआ है, जिसके कारण सरकार गेहूं की बिक्री शुरू करने के लिए सही समय का इंतजार कर रही है। इस बीच, प्रमुख थोक मंडियों में गेहूं की आवक कम हो रही है जिससे खरीदारों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है। यही कारण है कि कीमतों में स्थिरता नहीं आ पा रही है। गेहूं एक आवश्यक खाद्यान्न है, जिसका असर आम जनता और किसान दोनों पर पड़ता है। ऐसे में कीमतों में बढ़ोतरी सबके लिए चिंता का विषय बन गई है।
Wheat Price Report 2025 के अनुसार, सरकार की कोशिशों के बावजूद, मंडियों में गेहूं की आपूर्ति सीमित बनी हुई है। मिलर्स और प्रोसेसर्स की मांग मजबूत होने से कीमतों में मजबूती देखी जा रही है। आइए इस लेख में विस्तार से समझते हैं कि गेहूं के दाम क्यों बढ़ रहे हैं और क्या आने वाले सीजन तक सरकार गेहूं के भाव को नियंत्रित कर पाएगी।
गेहूं की कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे के कारण
साथियो गेहूं की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के कई कारण हैं। सबसे प्रमुख कारण है आपूर्ति की समस्या कीमतों में तेजी का मुख्य कारण बना है। मंडियों में गेहूं का स्टॉक कम होने के कारण मिलर्स और प्रोसेसर्स को अपनी ज़रूरतें पूरी करने के लिए खुले बाजार से महंगे दामों पर खरीदारी करनी पड़ रही है। भारतीय खाद्य निगम (FCI) की ओएमएसएस योजना के तहत स्टॉक की बिक्री की जा रही है, लेकिन इसकी मात्रा काफी सीमित है।।
सरकार ने गेहूं की बिक्री के लिए न्यूनतम आरक्षित मूल्य निर्धारित कर दिया था और उम्मीद थी कि अगस्त के पहले सप्ताह से सरकार गेहूं की बिक्री शुरू कर देगी, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है। 1 अगस्त को खाद्य निगम के पास 268 लाख टन गेहूं का स्टॉक था, जो पिछले महीने और पिछले साल की तुलना में थोड़ा कम था। न्यूनतम बफर स्टॉक से भी यह थोड़ा कम है। सरकार द्वारा गेहूं की बिक्री में देरी और सीमित स्टॉक के कारण कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है।
मध्य प्रदेश में गेहूं की कीमतें खासतौर पर चर्चा में हैं। दिसंबर 2024 में यहां गेहूं का औसत भाव ₹2826 प्रति क्विंटल तक पहुंच गया, जो कि नए एमएसपी ₹2425 से काफी अधिक है। मालवा और निमाड़ जैसे क्षेत्रों में शरबती गेहूं की कीमतें और भी ज्यादा हैं। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, और बिहार जैसे राज्यों में भी गेहूं के दाम बढ़े हैं, जबकि पंजाब और हरियाणा में एमएसपी की खरीद के कारण कीमतें तुलनात्मक रूप से स्थिर हैं।
गेहूं के भाव में आगे क्या रह सकता है
दोस्तों एफसीआई के मुताबिक, साप्ताहिक नीलामी के जरिए 1 लाख टन गेहूं का प्रस्ताव रखा गया है, लेकिन इसकी 98-99% खरीदारी हो रही है। इससे साफ है कि बाजार में गेहूं की मांग काफी अधिक है। इन हालातों में अगर सरकार आपूर्ति बढ़ाने के उपाय नहीं करती है, तो कीमतों में और वृद्धि देखने को मिल सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल, सरकार के पास भी सीमित स्टॉक है, और इसलिए दामों में बड़ी गिरावट की संभावना नहीं दिख रही। नई फसल की आवक तक गेहूं के दाम ऊंचे बने रह सकते है । सरकार ने 31 मार्च 2025 तक कुल 25 लाख टन स्टॉक बिक्री के लिए आवंटित किया है, लेकिन यह मात्रा भी मांग के मुकाबले काफी कम है।
सरकार ने खुले बाजार में गेहूं बेचने के लिए रिजर्व प्राइस से ₹600 प्रति क्विंटल अधिक पर स्टॉक की नीलामी की है। इसका बाजार पर अच्छा प्रभाव पड़ा है, लेकिन यह मिलर्स की मांग को पूरी तरह से संतुष्ट नहीं कर पा रहा है। इस कारण मंडियों में कीमतें ऊंची बनी हुई हैं। उद्योग समीक्षकों का मानना है कि सरकार को नीलामी में बेचे जाने वाले गेहूं की मात्रा में बढ़ोतरी करनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता तो गेहूं के भाव धीरे धीरे 3500 की तरफ भी जा सकते हैं। आप सब जानते हैं कि नया गेहूँ आने में अभी कम से कम ढाई महीने का समय है। इतने कम समय में अगर आयात भी किया जाए तो आयातित गेहूं को पहुंचने में काफी समय लग सकता है। हम मानते हैं कि सरकारी स्टॉक भी सीमित है, इसलिए सरकार खुले दिल से OMSS के तहत गेहूं नहीं बेच पा रही है। आपूर्ति और मांग के बीच संतुलन बनाना चुनौतीपूर्ण हो गया है। गेहूं के भाव काफी तेज हो चुके हैं इसलिए इस समय जिन किसानो और व्यापारियों के पास गेहूं का स्टॉक पड़ा हुआ है उन्हें हर तेजी पर माल हल्का करते रहना चाहिए
वर्तमान मे गेहू के ताजा मंडी भाव
कल दिल्ली मंडी में गेहूं का भाव सुबह से ही तेजी के साथ कुल था और शाम तक भाव 3250 पर फिर से पहुंच गया है | बाकि मंडियों की बात करे तो ऐलानाबाद मंडी में गेहूं का भाव 3025 का रहा, मुजफ्फरपुर मंडी में गेहूं का भाव ₹ 2650 से ₹ 2750 तक रहा, जिसमें ₹ 10 की मंदी दर्ज की गई। कौशाम्बी मंडी में गेहूं का भाव ₹ 3015 रहा, ₹ 10 की गिरावट के साथ। इटावा मंडी में गेहूं ₹ 2960 पर स्थिर रहा, जबकि औरैया और बहराइच मंडियों में भी भाव ₹ 2950 पर स्थिर रहे। लखीमपुर मंडी में गेहूं का भाव ₹ 2950 रहा, ₹ 40 की मंदी के साथ। बीकानेर मंडी में भाव ₹ 2950 से ₹ 3050 के बीच रहे। बहजोई मंडी में गेहूं का भाव ₹ 2900 रहा, जबकि जोधपुर मंडी में ₹ 3200 से ₹ 3250 के बीच भाव दर्ज किए गए।
नरेला मंडी में गेहूं का भाव ₹3000-3050 पर रहा, जबकि 100-150 बोरी की आवक हुई। बुलंदशहर मंडी में ₹3000 (₹50 की तेजी) और 700 बोरी की आवक दर्ज की गई। बीकानेर मंडी में ₹2950-3050 पर भाव रहा, और आवक 100 बोरी रही। बहजोई मंडी में ₹2900 के साथ 500 बोरी की आवक दर्ज की गई। जोधपुर मंडी में गेहूं का भाव ₹3200-3250 और जयपुर मंडी में ₹3250 (स्थिर) पर रहा।
मथुरा मंडी में ₹2980 (₹20 की मंदी) और 500 बोरी की आवक रही। हरदोई मंडी में गेहूं ₹2920 (₹20 की तेजी) और 6000-6500 बोरी की आवक के साथ बिका। शाहजहांपुर मंडी में ₹2911 (₹10 की तेजी) और 1800-2000 बोरी की आवक रही। छिंदवाड़ा मंडी में ₹3100-3400 स्थिर और 3000 बोरी की आवक रही। कानपुर मंडी में ₹3100 (₹50 की मंदी) पर भाव दर्ज हुआ। रोहतक मंडी में गेहूं का रेट ₹3225 (₹75 की तेजी) पर बिका।
गाजियाबाद मंडी में मिल डिलीवरी भाव ₹3150 (₹30 की तेजी) पर रहा। अमृतसर मंडी में गेहूं ₹3200-3250 (₹100 की तेजी) पर बिका। गंगानगर मंडी में ₹3210, और जयपुर मंडी में ₹3225 (₹25 की तेजी) पर भाव रहा। गोंडा मंडी में ₹2950-3025 (₹10 की तेजी) पर 2000 बोरी की आवक दर्ज हुई। सिवानी मंडी में ₹3090, और करनाल मंडी में ₹3250 पर भाव दर्ज हुआ।
धार मंडी में मालवराज ₹3080-3115 (₹30 की मंदी) और लोकवान ₹3250-3320 (₹30 की मंदी) पर बिका। आष्टा मंडी में लोकवान पूर्णा ₹3000-3200 और सरबती ₹3000-4000 पर बिका। इंदौर मंडी में लोकवान ₹3100-3390 (₹10 की तेजी) और मालवराज ₹3000-3220 (₹80 की तेजी) पर बिका।
डबरा मंडी में मिल क्वालिटी गेहूं ₹3050 और 30 बोरी की आवक रही। पिपरिया मंडी में मिल क्वालिटी ₹2975-3050 स्थिर और बेस्ट क्वालिटी ₹3100 (₹50 की मंदी) पर बिकी। ग्वालियर मंडी में बढ़िया टुकड़ी ₹3000-3100 पर बिकी। बूंदी मंडी में एवरेज टुकड़ी ₹3100-3125 (₹25 की मंदी) और मिल क्वालिटी ₹3025-3050 (₹20 की मंदी) पर रही।
अशोक नगर मंडी में सरबती गेहूं ₹3200-4200 पर और 4035 गेहूं ₹3000-3150 पर बिका। कोयम्बटूर मंडी में गेहूं ₹3520 और सतारा मंडी में ₹3450 पर बिका। यूनियन एग्रोटेक कटनी और सतना में मिल डिलीवरी भाव ₹3100 और गोपाल प्रोटीन्स में ₹3090 पर बिका। देशभर की मंडियों में गेहूं के दामों में उतार-चढ़ाव नई फसल की आवक तक जारी रहने की संभावना है।
👉 चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट
👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव
👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें
About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।